हैदराबाद से जबलपुर लाए घोड़ों की मौत, कलेक्टर ने जांच के लिए दोबारा गठित की टीम

 जबलपुर
 हैदराबाद से रातों रात जबलपुर लाए 57 कीमती घोड़ों की रहस्यमयी तरीके से मौत ने प्रशासनिक महकमे की नींद उड़ा दी है। एक एक कर अब तक कुल 12 घोड़ों की मौत हो चुकी है। घोड़ों के जबलपुर लाने के पांच दिनों के अंदर ही आठ घोड़ों ने दम तोड़ा था। इसके बाद चार और घोड़ों की मौत के बाद सवाल खड़े हो रहे है। वहीं कुछ घोड़ों की हालत नाजुक बनी हुई है। घोड़े की मौत को देखते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने दोबारा जांच के निर्देश दिए है। जिला पंचायत सीईओ को पूरी जिम्मेदारी सौंपकर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है।

फरवरी, मार्च में लाए थे घोड़े

पशु प्रेमी सिमरन इतशर ने दावा किया था कि इन घोड़ों की हत्या की जा रही है। सिमरन ने 100 से ज्यादा घोड़ों की हत्या करने का आरोप लगाया था। दावा किया जा रहा था कि, हॉर्स रेसिंग की आड़ में किए गड़बड़ झाला को छिपाने के लिए घोड़ों की हत्या की गई है। पशु प्रेमी ने हैदराबाद के सुरेश पालगुडु और सुरेंद्र रेड्डी पर घोड़ों की हत्या करवाने का आरोप लगाया था। कहा जा रहा है कि सुरेश पालगुडु और सुरेंद्र रेड्डी पर हैदराबाद रेस क्लब में अवैध तरीके रेस करवाते है। घोड़ों की रेस की आड़ में दोनों लोग अवैध तरीके से बैट लगवाने का काम करते है।

हॉर्स रेसिंग की आड़ में सट्टा

इन लोगों पर फिलीपींस में भी हॉर्स रेसिंग की आड़ में सट्टे के जरिए करोड़ों रुपए कमाने का आरोप लगा है। कहा जा रहा है कि, मामले में पेटा संस्था द्वारा छापा मारने के पहले ही सुबूत मिटाने घोड़ों को मरवाने का खेल शुरू कर दिया गया था। इसी कड़ी में हैदराबाद में 100 से ज्यादा घोड़ों को मरवाने का भी आरोप लगा और बचे हुए घोड़े आनन फानन में हैदराबाद से जबलपुर भिजवा दिए गए।

सचिन तिवारी के यहां पहुंचाएं थे घोड़े

बता दें कि जबलपुर के पनागर में सचिन तिवारी के यहां ये घोड़े पहुंचाए गए थे। सभी घोड़ों को खटाल में रखे गए थे। सचिन तिवारी को हैदराबाद के सुरेश पालगुडु और सुरेंद्र रेड्डी से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि सचिन तिवारी इन दोनों के लिए ही काम करता है और उनके इशारे पर उसने इन घोड़े को जबलपुर में लाकर रखा था।

HPSL नाम की कंपनी से करवाई जाती थी हॉर्स रेस

खबर है कि HPSL (हॉर्स पॉवर स्पोर्ट्स लिमिटेड) नाम की कंपनी के नाम से ही हॉर्स रेस करवाई जाती थी। इसमें एक और कंपनी हिता नेट प्राइवेट लिमिटेड के भी शामिल होने की बात कही जा रही है। इस कंपनी ने हैदराबाद के रेस कोर्स में अवैध तरीके से हॉर्स रेस करवाई और जब इस बात की जानकारी पेटा संस्था को लगी तो उसके छापा पढ़ने के पहले ही सब चीज रखा दफा कर दिया गया।

कोर्ट में भी लगाई गई याचिका

इस मामले में मामले में शिमरन इतशर द्वारा एनिमल सिक्योरिटी और एनिमल ट्रैफिकिंग क्रिकेट का आधार बनाते हुए एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में लगाई है।

बीते दिनों भी बनाई गई थी जांच कमेटी

बीते दिनों भी कलेक्टर दीपक सक्सेना के आदेश पर एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम के साथ एक जांच टीम भी गठित की गई थी, लेकिन जांच में अब तक कोई भी नतीजा बाहर निकाल कर नहीं आया। जांच टीम अब तक यह नहीं पता कर पाई कि इन घोड़े को लाने की असल वजह क्या थी। इन घोड़े को भेजने वाले कौन थे और संतोष तिवारी का उनसे क्या कनेक्शन है। इस बात का भी कोई पता नहीं चल पाया कि क्या वाकई में घोड़े की अवैध रेस हो रही थी। ना ही पेटा संस्था ने भी जबलपुर जिला प्रशासन से कोई पत्राचार किया है।

India Edge News Desk

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